सुरलोक मई 'सुर्कई घाघरी' :- लातेहार अनेका अनेक अद्भुत् व आश्चर्यजनक पर्यटन स्थलों वाला क्षेत्र है| यहाँ के अज्ञात व अनछुए पर्यटन स्थलों के खोज की शृंखला में अब प्रस्तुत है 'सुर्कई घाघरी' नामक एक अद्वितीय जलप्रपात का संक्षिप्त विवरण |
यह जलप्रपात लातेहार जिले के महुआडाड प्रखंड से लगभग 13 कि०मी० की दुरी पर महुआडाड-ओर्सा मार्ग पर कुंजी पत्थर नामक स्थान से 1.5 किमी दूर काबरा पाट के सघन व एकांत वन में अवस्थित है |
लातेहार का सुर्कई घाघरी जलप्रपात एक ही धारा में गिरने वाले जल प्रपातों में अत्यंत महत्वपूर्ण है| इसकी धारा अनुमानतः 250-300 फिट की उच्चाई से गिर कर एक छोटे जलाशय का निर्माण करती हुई आगे नदी के रूप में बहती हुई बुढा नदी में मिल जाती है| उच्चाई व सोन्दर्य के दृष्टिकोण से लोध जलप्रपात के पश्चात इस निर्झर का क्षेत्र में संभवतः दूसरा स्थान है|
साल, आसन, अर्जुन, करम, करंज, सिरिस जैसे काष्ठिये तथा अन्य फलदार वृक्षों, जंगली पुष्पों व औषधीय वनस्पतियों के द्वरा इस जलप्रपात के चारो ओर एक सुरम्य मिश्रित वन का निर्माण होता है, जहाँ बंदर, जंगली सूअर, भालू, भेड़िया, नेवला, हाथी जैसे पशु तथा मोर, महुकल आदि विभिन्न प्रकार की ज्ञाताज्ञात प्रजातियों के पक्षियों के कलरव एक दुर्लभ जैव-विविधता पूर्ण पारिस्थितिक तंत्र का दृश्य प्रस्तुत करते हैं |
दूर से ही झरने की आवाज सुनाई देने लगती है, जो गंतव्य तक जाने के रोमांच व उत्साह को बढ़ाने वाली होती है | फिर वहां पहुच कर श्वेत प्रकाशमय दूधिया जलराशि युक्त जलप्रपात में स्नान कर सम्पूर्ण शारीरिक व मानसिक थकान मिटा लेने का विधान है |
दुखद आशचर्य की बात है की ऐसे अलौकिक स्थल के बारे में देशवासी अथवा राज्यवासी तो क्या स्थानीय जनता भी ठीक से परिचित नहीं हैं| इसके विभिन्न कारणों में से एक कारण यहाँ पर अवसंरचनात्मक विकास का नामोनिशान भी नहीं होना है | कम से कम पर्यटकों के लिए एक सड़क, यात्री पड़ाव , दूरसंचार आदि न्यूनतम सुविधाएँ तो उपलब्ध होनी ही चाहिए| इनके अभाव में भी इस क्षेत्र के व्यापक प्रचार -प्रसार के लिए लातेहार टूरिज्म वर्षों से सतत समर्पित भाव से सक्रिय रहा है|
सुर्कई घाघरी जल प्रपात का आर्थिक महत्त्व बहुत अधिक है, बस थोड़ी सी जन जागरूकता एवम् सरकार के इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है फिर राज्य को इसके पर्यटन विकास से होने वाली आय तो बहुत छोटी बात है , इस अद्वितीय पर्यटन स्थल को विश्व के मानचित्र पर आने से कोई नहीं रोक सकता |
---
सामान्य सूचनाएं:-
प्रमुख स्थलों से दुरी :- रांची 200 KM
लातेहार 124 KM
नेतरहाट:- 55 KM
महुआडाड:-13 KM
कैसे जाएँ :-बस अथवा निजी वाहन द्वारा महुआडाड पहुच कर वहां से महुआडाड - ओर्सापाट पथ के रास्तें मेढ़ारी गश्ती चौकी पहुंचें, फिर वहाँ से एक घाटी पार कर कुंजी पत्थर पहुंचें, वहां से बाई ओर करीब डेढ़ कि०मी० पर सुर्कई घाघरी जल प्रपात स्थित है |
कब जाएँ :- मुख्यतः सितम्बर से अप्रैल के बीच|
कहाँ ठहरें :- डाक बंगला महुआडाड |
संपर्क :-latehartourism@gmail.com.
यह जलप्रपात लातेहार जिले के महुआडाड प्रखंड से लगभग 13 कि०मी० की दुरी पर महुआडाड-ओर्सा मार्ग पर कुंजी पत्थर नामक स्थान से 1.5 किमी दूर काबरा पाट के सघन व एकांत वन में अवस्थित है |
लातेहार का सुर्कई घाघरी जलप्रपात एक ही धारा में गिरने वाले जल प्रपातों में अत्यंत महत्वपूर्ण है| इसकी धारा अनुमानतः 250-300 फिट की उच्चाई से गिर कर एक छोटे जलाशय का निर्माण करती हुई आगे नदी के रूप में बहती हुई बुढा नदी में मिल जाती है| उच्चाई व सोन्दर्य के दृष्टिकोण से लोध जलप्रपात के पश्चात इस निर्झर का क्षेत्र में संभवतः दूसरा स्थान है|
साल, आसन, अर्जुन, करम, करंज, सिरिस जैसे काष्ठिये तथा अन्य फलदार वृक्षों, जंगली पुष्पों व औषधीय वनस्पतियों के द्वरा इस जलप्रपात के चारो ओर एक सुरम्य मिश्रित वन का निर्माण होता है, जहाँ बंदर, जंगली सूअर, भालू, भेड़िया, नेवला, हाथी जैसे पशु तथा मोर, महुकल आदि विभिन्न प्रकार की ज्ञाताज्ञात प्रजातियों के पक्षियों के कलरव एक दुर्लभ जैव-विविधता पूर्ण पारिस्थितिक तंत्र का दृश्य प्रस्तुत करते हैं |
दूर से ही झरने की आवाज सुनाई देने लगती है, जो गंतव्य तक जाने के रोमांच व उत्साह को बढ़ाने वाली होती है | फिर वहां पहुच कर श्वेत प्रकाशमय दूधिया जलराशि युक्त जलप्रपात में स्नान कर सम्पूर्ण शारीरिक व मानसिक थकान मिटा लेने का विधान है |
दुखद आशचर्य की बात है की ऐसे अलौकिक स्थल के बारे में देशवासी अथवा राज्यवासी तो क्या स्थानीय जनता भी ठीक से परिचित नहीं हैं| इसके विभिन्न कारणों में से एक कारण यहाँ पर अवसंरचनात्मक विकास का नामोनिशान भी नहीं होना है | कम से कम पर्यटकों के लिए एक सड़क, यात्री पड़ाव , दूरसंचार आदि न्यूनतम सुविधाएँ तो उपलब्ध होनी ही चाहिए| इनके अभाव में भी इस क्षेत्र के व्यापक प्रचार -प्रसार के लिए लातेहार टूरिज्म वर्षों से सतत समर्पित भाव से सक्रिय रहा है|
सुर्कई घाघरी जल प्रपात का आर्थिक महत्त्व बहुत अधिक है, बस थोड़ी सी जन जागरूकता एवम् सरकार के इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है फिर राज्य को इसके पर्यटन विकास से होने वाली आय तो बहुत छोटी बात है , इस अद्वितीय पर्यटन स्थल को विश्व के मानचित्र पर आने से कोई नहीं रोक सकता |
---
सामान्य सूचनाएं:-
प्रमुख स्थलों से दुरी :- रांची 200 KM
लातेहार 124 KM
नेतरहाट:- 55 KM
महुआडाड:-13 KM
कैसे जाएँ :-बस अथवा निजी वाहन द्वारा महुआडाड पहुच कर वहां से महुआडाड - ओर्सापाट पथ के रास्तें मेढ़ारी गश्ती चौकी पहुंचें, फिर वहाँ से एक घाटी पार कर कुंजी पत्थर पहुंचें, वहां से बाई ओर करीब डेढ़ कि०मी० पर सुर्कई घाघरी जल प्रपात स्थित है |
कब जाएँ :- मुख्यतः सितम्बर से अप्रैल के बीच|
कहाँ ठहरें :- डाक बंगला महुआडाड |
संपर्क :-latehartourism@gmail.com.