24 December 2016

दलमा माई देवी स्थल (गुफा)
         यहाँ दलमा देवी का गुफा हैं, जिसमें स्थानीय ग्रामीण शिव रात्रि पूजा, सावन पूजा एवं आशाढ़ी पूजा करने हेतु इकठा होते हैं। ऐसा विष्वास किया जाता हैं कि काफी पहले एक आदिवासी जोड़ा अपने 12 से 14 वर्शीय पुत्री, जिसका नाम दलमा था गुफा के पास जलावन इकठा कर रहे थे। इसी क्रम में उत्सुकतावष वे गुफा को देखने हेतु प्रवेष किए। जब वे गुफा से बाहर आए तो अपनी कुलहाड़ी जो गुफा में ही छुट गई थी, को लाने के लिए वे अपनी पुत्री दलमा को भेजे। पुत्री को लौेटने में देर होने पर वे वहाँ पुन गए एवं देखे की गुफा के अन्दर कुछ यात्री बैठ कर भोजन कर रहे थे एवं उनकी पुत्री दलमा उनके सामने खड़ी थी। दलमा के माता-पिता जब पुत्री को वापस आने के लिए पुकारे तो उसी समय गुफा बंद हो गया। काफी प्रयास करने पर भी वे गुफा को खोल नहीं सके। इस प्रकार उनकी पुत्री दलमा उस गुफा में ही रह गई, जिसके नाम पर उस पहाड़ी का नाम दलमा पड़ा तथा गुफा का नाम दलमा माई मंदिर के नाम से प्रसिद्व हुआ।


Indra waterfall Latehar



Indra waterfall:- The Indra Waterfall is near Tubed village of Latehar District in the state of Jharkhand. The area is covered by dense forests, mountains, and rivers. This is a wonderful 30-foot waterfall that can be best seen during the monsoon season. You could also visit the tubed cave and tubed Dams, which are close by to the waterfalls.

इंद्रा झरना :- लातेहार  जिले के तुबेद  ग्राम में यह जल प्रपात स्थित है| यहां एक पहाड़ी नदी करीब ३०  फुट की ऊंचाई से नीचे गिरकर एक कुण्ड में समाता है  |  यह जल प्रपात दोनों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। यह बारहमासी जलप्रपात हैइसलिए गरमी के दिनों में इसकी सुंदरता बरकरार रहती है । परंतु बारिश के सीजन में इसका प्राकृतिक सौंदर्य और भी निखर जाता है। इसके निकटवर्ती पर्यटन स्थलो में तुबेद गुफा , ततहा पानी अदि प्रमुख है |






23 December 2016

Dalma wildlife sanctuary is about 112 km. from the capital city Ranchi, and driving distance of 15 km. from the steel city Jamshedpur. The Dalma Hills are located at a height of 3,000 ft above sea level with dense forests and Subarnarekha River flowing beside it . This wildlife sanctuary covers a wide area of about 193.5077 square kilometers. The area of forest is densely covered with tall trees, wild shrubs and bushes of  different varieties  presenting a view of green carpet spread on the surface. A look from the mountaintop at the city is so visually appealing at the night that it looks as if millions of stars twinkling. The Elephants, Sloth Deer, Barking Deer, Peacocks, Giant Squirrels, Wild Bears, Mouse Deer, Indian Foxes, Rabbits, Mongoose, Monkeys, and Langurs are  primary animals found in Dalma. this sanctuary comprises many ponds of different size where animals come to drink water. hide outs have been made near  the pounds for the ease of taking photographs and observing the animals. closely situated watch tower is important for fire security and area observation. A number of temples are there across the sanctuary as a pilgrimage attraction like   Lord Shiva, Lord hanumana and godest dalma temple etc. This wildlife sanctuary has Forest Department rest houses, Eco huts and Bamboo hut for accommodating travelers.


14 December 2016

Lower Ghaghri waterfall by Govind Pathak


              Lower Ghaghri waterfall, Latehar                      


Lower Ghaghri Falls is located10 Km from Netarhat in Latehar district in the state of Jharkhand. It is the 33rd highest waterfall in India. The forest around the Lower Ghaghri Falls is so dense that even sun rays find it difficult to pierce through. The water falls from the height of 320 feet from the cascade. The sound of falling water makes the surrounding musical.

लोअर घाघरी  जलप्रपात :- लातेहार जिला के विख्यात दर्शनीय स्थल नेतरहाट से 1कि.मीदूर उत्तरी दिशा में यह जलप्रपात स्थित है । यह राज्य का सबसे ऊंचे जलप्रपातो में  एक है | यहां घाघरी नदी का जल प्रवाह लगभग 320 फुट ऊंचाई से नीचे गिरता है। यह स्थान बहुत ही मनोरम एवं एकांत में हैजहां झरने से  कलकल गिरता पानी  आसपास के वातावरण को संगीतमय बना देती है। साल के  सधन वृक्षों एवं पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित इस जल प्रपात से गिरने वाली विशाल जलराशि पर्यटकों का मन मोह लेती हैं, बरसात के मौसम में इसे देखना रोमांचकारी अनुभव होता है।








12 December 2016

Tattapani hot water spring, Latehar, Jharkhand

Tattha pani :- Meaning hot water spring  is located at the village jaram, 11 Km far from Latehar district of jharkhand . The  hot waters came out from different places on the river bed at Tattapani. It is a beautiful place where the  Locals and tourist enjoy this hot water bath which is reach in Sulphur and belived to have high medical value and good for skin..  

 
तत्‍ता पानी :- लातेहार से 11 किमी की दूरी पर जारम ग्राम में तत्‍ता पानी सुकरी नदी के सहायक नदी पे स्थित  है | तत्‍ता पानी का मतलब गर्म पानी होता है। यहां का पानी बहुत अधिक गर्म होता है। पानी से बुलबुले निकलते दिखाई देते हैं। पानी इतना गर्म होता है कि यहां आने वाले लोगों को गर्म पानी के कुंड में  दाल-चावल बनाते देखा जा सकता है।  प्राकृतिक सल्‍फर युक्‍त इसका पानी बहुत शुद्ध और अलौकिक शक्तियों से युक्‍त माना जाता है। तत्ता पानी में स्नान करने से जोड़ों के दर्द और चर्म रोगों में राहत मिलती है। 







11 December 2016

Magnolia Sunset Point, Netarhat, Latehar



मैगनोलिया सनसेट प्वाइंट :- नेतरहाट से 10 कि मी की दूरी पर दो दिलों के मिलन का संगम स्थल है जिसे मैगनोलिया प्वाइंट या सनसेट प्वाइंट के नाम से जाना जाता हैं |
                         कहते है कि एक अंग्रेज अधिकारी को नेतरहाट बहुत पसंद था, उसकी एक कुँवरी बेटी थी, जिसका नाम मैगनोलिया था. गांव में ही एक चरवाहा था, जो सनसेट प्वाइंट के पास प्रतिदिन दिन अपने मवेशियों को चराने के लिए जाता था | वह बांसुरी बहुत अच्छा बजाता था | उसकी बांसुरी की मधुर आवाज ने मैगनोलिया के दिल को छू लिया और वह बांसुरी बजाने वाले चरवाहे से प्रेम करने लगी | वह उससे मिलने प्रतिदिन सनसेट स्थल के पास चली जाती थी, जहां पर चरवाहा उसे बांसुरी बजा कर सुनाता था |
                        अंग्रेज अधिकारी को जब इस बात का पता चला, तो उसने चरवाहा को मरवा दिया | इसकी सूचना जब मैगनोलिया को मिली, तो चरवाहे के विरह में उसने अपने घोड़े सहित घाटी की असीम गहरईयों में छलांग लगाकर अपनी जन दे दिया |
                       लातेहार जिला प्रशासन द्वारा. इस स्थल पर मैगनोलिया व चरवाहे के प्रतिमा लगायी गयी है. जो इस प्रेम कथा की याद दिलाता है |





8 December 2016

Maa Nagar Bhagwati Temple by Govind Pathak

Maa Nagar Bhagwati Temple: This is a famous temple situated in the "Nagar" village at the foot of the picturesque and lush green Mountains about 10 km away from the center of chandwa town in Chandwa- Chatara main road. This holds a very high religious value for the people of the surrounding area. A Marriage Hall has also been recently built up there as this temple hosts many marriages during the marriage season every year



मां उग्रतारा मंदिर, लातेहार:- झारखण्ड राज्य  के लातेहार  जिले में स्थित एक तीर्थस्थल है। यह झारखंड की राजधानी रांची से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित है। । लातेहार  से  नगर की दूरी 37 किमी की है| यह माना जाता है कि यहां मांगी जाने वाली सभी कामनाएं पूरी होती है। इस मंदिर को  टोरी के शाही राजघराने द्वारा दसवीं शताब्दी में बनवाया गया है। पहले मंदिर राजघराने के स्वामित्वा में था। बर्तमान में  मंदिर का  संचालन शाही और मिश्र परिवार संयुक्त रूप से मिलकर करते हैं। श्रद्धालु पूजा-पाठ से लेकर बलि और वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए यहां आते हैं। खासकर रामनवमी और दुर्गा पूजा के समय काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजा के लिए आते हैं













6 December 2016

MAHUADANR WOLF SANCTUARY, Latehar


महुआडांड़ भेड़िया अभ्यारण्य  :-

महुआडांड़ भेड़िया अभ्यारण्य लातेहार जनपद के अंतर्गत महुआडांड़ के सुरम्य चेचारी घाटी में स्थित है |यह पलामू ब्याघ्र आरक्ष के क्षेत्र निदेशक के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन है | इसका क्षेत्रफल 63.256 वर्ग किलोमीटर है। अभयारण्य को विभिन्न भागों में बिखरे हुए 25 संरक्षित वनो में वर्गीकृत किया गया हैं | कृषि क्षेत्र से घिरे ये वन छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे हुए है | अभयारण्य के इलाके लहरदार है और ज्यादातर अलग ऊंचाई की पर्वत श्रेणियों है। इसकी ऊंचाई 600 मीटर के लगभग है | पहाड़ी का पश्चिमी शीर्ष भाग समतल है जिसे 'पाट' कहा जाता है | चीरो, ओरसा और कुकुद अदि इसके प्रमुख पाट हैं। निकट ही बुढा नदी प्रवाहित होती है जिस पर झारखण्ड का सर्वोच्च जल प्रपात बुढा घाघ ( लोध वॉटरफॉल ) स्थित है | यहाँ शीत ऋतू में कड़ाके की
ठण्ड पड़ती है तापमान मैदानों में 4.c व पहाडियो 2.c तक गिर जाता है |                                                                     दुर्लभ वनस्पतियो से आवृत यह प्रदेश भेड़ियों के निवास , आखेट व प्रजनन का केंद्र है | यह अभ्यारण्य अक्टूबर-नवंबर व फरवरी - मार्च में भेड़िया दर्शन के लिए उपयुक्त स्थान है | भालू और हिरन भी यहाँ बहुतायत में मिलते है |



कब आयें :- आगमन का सर्वोत्तम समय -जून से अक्टूबर|कहाँ ठहरें :- वन विश्रामागार महुआडांड़, अक्सी |निकटवर्ती पर्यटन स्थल :- नेतरहाट , लोध जलप्रपात |


3 December 2016



पलामू किला :- यह किला लातेहार जिले में पलामू व्याघ्र आरक्ष के अंतर्गत  बेतला राष्ट्रीय उद्यान से 05 किमी दूर औरंगा नदी  के तट पर स्थित है | यहाँ दो किले है पुराना एवं नया किला, जिन्हें संयूक्त रूप से पलामू किला कहा जाता है | पुराने किले का निर्माण चेरोवंशी शासक प्रताप राय (1628-1658) व नये का उसके उत्तराधिकारी मेदिनी राय ( 1658-1674) ने करवाया था |              ये किले ईट-पत्थरों के बने है | उनके डेढ़ मीटर चौड़े दीवारों में जगह जगह तोप के गोलों के निशान  स्थित है | नये किले में सुंदर नक्काशी  वाला  फाटक हैं  जो  नागपुरी द्वार के नाम से प्रसिद्ध  हैं, यह अपनी आकर्षक स्थापत्य शैली के कारन दर्शनीय है | दरवाजे की ऊँचाई 40 और चौडाई 15 फिट है | किले की मोटी-मोटी दीवारों के बिच राजा का शयन कक्ष, गेट ,दरबार, मथान, कुआं आदि के अवशेष बचे हैं ,साथ ही  इसके भीतरी भाग में चार दो मंजिले महल अनेक मंदिर एवं 1 मस्जिद के अवशेष मिलते हैं | जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है | 
















लावापानी जलप्रपात, लोहरदगा.

झारखण्ड में अनेक ऐसे अद्भुत लेकिन अज्ञात पर्यटन स्थल हैं ,जिन्हें विश्वपटल पर लाये जाने पर राज्य में पर्यटन का आशातीत विकास निस्च...